Wednesday, September 8, 2021

रणथम्भौर में स्थित, त्रिनेत्र गणेश मंदिर 7 सितम्बर से 12 सितम्बर तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा।

 

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रणथम्भौर 8 सितम्बर 2021

आम सूचना। सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि कोरोना संक्रमण के कारण,  रणथम्भौर दुर्ग में स्थित विश्व प्रसिद्ध त्रिनेत्र गणेश मंदिर  में मेले का आयोजन नहीं होगा।

अतः दिनांक 07.09.21 से 12.09.21 तक गणेश मंदिर बन्द रहेगा। उक्त अवधि में श्रृद्दालुओं का प्रवेश बन्द रहेगा। गणेशधाम से सभी प्रकार के चौपहिया, दुपहिया वाहनों, पैदल एवं दण्डौती देने वाले श्रृद्दालुओं का प्रवेश प्रतिबन्धित रहेगा।

अतः श्रृद्वालुओं से अनुरोध है कि दिनांक 07.09.21 से 12.09.21 की अवधि गणेश मंदिर दर्शन के लिये आये।

जिले में कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिये धारा 144 लगी हुई है। किसी भी प्रकार के धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक आयोजन, और जुलूस पर रोक है।

मास्क अवश्य पहने, दो-गज की दूरी बनाये रखें , घर पर रहे और कोरोना से सुरक्षित रहें।

Friday, August 6, 2021

A beautiful and young, tigress, T-111 aka Waw spots with her four new-born tiger cubs in Ranthambore Tiger Project, Rajasthan!

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Ranthambore | Sunday, 6 August 2021
Ranthambore | A beautiful and young tigress, Waw was spotted with her new-born tiger cubs on June 20, 2021 in Ranthambore Project Tiger, situated in Sawai Madhopur district of Rajasthan.

According to the forest department, on Saturday morning, the very excellent tiger sighting happened in Ranthambore Project Tiger when the four new-born tiger cubs (four-cubs) were sitting together in water pond without mother at zone number four on 20 June 2021 by field biologist of Ranthambore during his field visit. Later in the evening time, the mother (tigress) was also spotted with her four new-born tiger cubs at same zone and same day.

Forest officials said, due to the appearance of new tiger cubs, new camera traps has being installed under Phase 4 monitoring system. Moreover to ensure safety and health of tigress and cubs, the monitoring and trekking has been increased in the territory of mother tigress by forest department.

The mother tigress was identified as T-111 aka Waw! It is the first litter of her. The new-born tiger cubs should be around two months old.

Tigress, T-111 aka Waw


A quite young and beautiful tigress from Ranthambore National Park in zone no. 4, age about four years old plus. She usually roams Semli, Adi-Dagar, Adi-Dant, Berda, Khuranja and Lakada area in the zone no. four and living in their parent's territory and often seen alone during Ranthambore safari .

T-111 aka Waw was born around March or April 2017. Her mother, T-19 is also known Krishna had given her 3rd litter, including four cubs, father by tiger, T-74, Teddy Bear. The 3rd litter of T-19 was sighted in the zone no. four, first times on 23 June 2017. At that time, the cubs were around three or four months old. Unfortunately, the three cubs have been survived from four cubs. The tigress, T-111 also knew Waw was one of them. His siblings, T-112 and T-113 are living in the same area.

Tigress, T-111 aka Waw is also belong to the famous tiger dynasty of Machali (T-16). She has maternal mother, Machali!

New-born Tiger cub


After a gestation period (The tigress’ gestation period is about three and half months), a tigress gives birth to a live litter, usually comprising three or four new born tiger cub, but as many as seven, may be produced in a litter. The mortality rate of tiger cub is very high, and only about half of those born ever survive to reach maturity. Therefore, to spot four tiger cubs with their mother is really quite amazing!

Project Tiger-Ranthambore


Project Tiger is a tiger conservation programme launched in April 1973 by the Government of India. Kailash Sankhala was the first director of Project Tiger. As the Bengal Tiger is the national animal of India, this project aims to stem the dwindling population of the big cats and work to increase their numbers.

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Thursday, July 22, 2021

रणथंभौर नेशनल पार्क : विश्व विख्यात बाघिन एरोहेड़ उर्फ T-84 तीसरी बार अपने तीन नये और नन्हें शावक के साथ दिखी !

बाघिन एरोहेड़ उर्फ 84 तीसरी बार अपने तीन नये और नन्हें शावक के साथ दिखी!

रणथंभौर : रणथंभौर नेशनल पार्क में, विश्व विख्यात बाघिन एरोहेड ( T-84) अपने तीन नये और नन्हें शावकों के साथ, जोन नंबर तीन में शुक्रवार शाम को विचरण करते हुए दिखाई दी। 16 जुलाई 2021, शुक्रवार शाम को बाघ की मॉनिटरिंग करने गये, वनकर्मचारियों ने इसकी जानकारी दी।

इससे पूर्व, 13 जुलाई 2021, मंगलवार को मॉनिटरिंग के दौरान, वनकर्मचारियों ने पहली बार, बाघिन एरोहेड को दो शावकों के साथ जोन नंबर 2 में देखा था, जब दो शावको अपनी माँ के साथ-साथ चल रहे थे। वन अधिकारियों के अनुसार, बाघिन एरोहेड के शावक लगभग डेढ़ से दो माह के हैं। बाघिन के साथ शावकों के नजर आते ही, रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर टी. सी. वर्मा ने बाघिन के इलाके में मॉनिटरिंग बढ़ा दी है, जिससे बाघिन और शावकों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा सके।

बाघिन एरोहेड (Arrow Head), तीसरी बार बनी माँ :

रणथंभौर में, एरोहेड एक प्रभावी और वयस्क बाघिन है। उसकी उम्र करीब सात साल प्लस की है, जो पार्क में पहली बार 23 मार्च 2014 में दिखाई दी। बाघिन एरोहेड, बाघिन कृष्णा (T-19) के दूसरे प्रसव की सन्तान है, जिसकी नानी मछली (T-16) थी, जो रणथंभौर की माँ के नाम से प्रसिद्ध थी। अतः बाघिन एरोहेड, मछली के राजवंश से है। बाघिन एरोहेड को जूनियर मछली भी कहा जाता है। वर्तमान समय में, बाघिन एरोहेड, रणथंभौर की रानी के नाम से मशहूर है। बाघिन ने अपना पहला प्रसव फरवरी 2018 में दिया, जिसमें दो शावक थे। लेकिन वे सर्वाइव नहीं कर पाए।

दिसम्बर 2018 में, बाघिन ने अपना दूसरा प्रसव दिया, जिससे बहुचर्चित बाघिन रिद्धि (T-124) और सिद्धि (T-125) का जन्म हुआ, जो पार्क में पहली बार 2 जनवरी 2019 को दिखाई दी।

रणथंभौर नेशनल पार्क :

रणथंभौर नेशनल पार्क 70 से ज्यादा बाघों का घर है, जो 1955 में सवाई माधोपुर वन्यजीव अभयारण्य बना। सन 1973 में, इस पार्क को प्रोजेक्ट टाईगर घोषित किया गया और 1980 में, इसे नेशनल पार्क का दर्जा हासिल हुआ।